सनातन के सशक्त संदेश बने डॉ अभिषेक वर्मा, सद्गुरू सुधांशु महाराज ने की सराहना

 


पंचकूला(हरियाणा), नवंबर 1 : पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित शालीमार ग्राउंड में विश्व जागृति मिशन के तत्वावधान में आरंभ हुए चार दिवसीयसनातन संस्कृति जागरण अभियानमें राष्ट्र, धर्म और संस्कृति के पुनर्जागरण का सशक्त संदेश गूंज उठा। सद्गुरु श्री सुधांशु जी महाराज के दिव्य सान्निध्य में आरंभ हुए इस आयोजन में देशभर से आए संतों, धर्माचार्यों, राष्ट्रवादी विचारकों और हजारों श्रद्धालुओं ने सहभागिता कर सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था और राष्ट्रभक्ति का संकल्प दोहराया।

कार्यक्रम का उद्घाटन पंजाब के महामहिम राज्यपाल श्री कटारिया द्वारा किया गया, जिन्होंने डॉ. अभिषेक वर्मा (मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक, शिवसेना–NDA गठबंधन एवं ट्रस्टी, श्री रामकृष्ण इंटरनेशनल ट्रस्टजिसकी स्थापना स्वामी नृत्य गोपाल दास जी महाराज, अध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या ने की थी) के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वैदिक मंत्रोच्चार और भारत माता की जयघोष के बीच पूरा वातावरण भक्तिभाव से ओतप्रोत हो उठा।

राज्यपाल श्री कटारिया ने अपने संबोधन में कहा किभारत का पुनर्जागरण तभी संभव है जब धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना पुनः जागृत हों।उन्होंने कहा कि विश्व जागृति मिशन आज समाज को आध्यात्मिक और नैतिक शक्ति से जोड़ने का अद्वितीय कार्य कर रहा है। जब धर्म जागृत होता है, तब भारत पुनः विश्व का नेतृत्व करता है।

सद्गुरु श्री सुधांशु जी महाराज ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा किसनातन मूल्यों, राष्ट्रीय एकता और आध्यात्मिक अखंडता की रक्षा प्रत्येक भारतीय का पवित्र कर्तव्य है।उन्होंने कहा कि भारत की वास्तविक शक्ति उसके संतों, त्यागियों और धर्मयोद्धाओं में निहित है, जिन्होंने युगों-युगों तक अन्याय और अधर्म के विरुद्ध संघर्ष कर धर्म की ज्योति को प्रज्वलित रखा।

महाराज ने डॉ. अभिषेक वर्मा की प्रशंसा करते हुए कहा कि वेसनातन धर्म, हिन्दुत्व और गौसंरक्षण के क्षेत्र में अदम्य निष्ठा और सेवा भावना से कार्यरत हैं।उन्होंने कहा कि डॉ. वर्मा जैसे राष्ट्रनिष्ठ नेता आज के युग में भारत की वैदिक परंपरा और आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक हैं।

उल्लेखनीय है कि सितंबर 2025 में स्वामी नृत्य गोपाल दास जी महाराज ने डॉ. अभिषेक वर्मा को उनके धर्म, हिन्दुत्व, गौसंरक्षण और सनातन मूल्यों के प्रसार हेतु किए जा रहे निस्वार्थ योगदान के लिएसनातन योद्धाकी उपाधि से सम्मानित किया था।

अपने संबोधन में डॉ. अभिषेक वर्मा ने कहा, “भारत केवल एक भूभाग नहीं, यह सनातन धर्म का जीवंत स्वरूप है। हमारे पूर्वजों ने इस सभ्यता की रक्षा बलिदान और तपस्या से की, कि राजनीति से। अब यह हमारा पवित्र कर्तव्य है कि हम उस ज्योति को पुनः प्रज्वलित करें। प्रत्येक बालक को संस्कार, शक्ति और संकल्प से युक्त बनाना होगाजो धर्म का सम्मान करे, गौ माता की रक्षा करे और भारत माता के चरणों में समर्पित रहे।

उन्होंने आगे कहा, “सनातन धर्म भारत की आत्मा है। जब प्रत्येक हिन्दू इसे अपने जीवन का धर्म मानकर एकजुट होगा और स्वयं को सनातन योद्धा के रूप में पहचानेगा, तब भारत पुनः विश्वगुरु बनकर समूचे विश्व को धर्म, सत्य और मानवता का मार्ग दिखाएगा।

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