भारतीय पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिकता को भव्य एनिमेटेड फिल्मों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए होम्बले फिल्म्स और क्लीम प्रोडक्शंस ने अपनी सबसे बड़ी एनिमेटेड फ्रेंचाइज़ महावतार सिनेमैटिक यूनिवर्स की घोषणा कर दी है। इस सीरीज के तहत भगवान विष्णु के दस अवतारों की कहानियों को अगले एक दशक में सात फिल्मों के रूप में दर्शाया जाएगा। इसकी शुरुआत महावतार नरसिंह से होगी, जो 25 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी, और समापन महावतार कल्कि पार्ट 2 के साथ 2037 में होगा।
डायरेक्टर अश्विन कुमार ने कहा, “हम क्लीन प्रोडक्शंस और होम्बले फिल्म्स जैसे दमदार साथियों के साथ मिलकर भारत की विरासत को बड़े पर्दे पर एक ऐसे अंदाज़ में लाने जा रहे हैं, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। यह आध्यात्मिक और भव्य अनुभव महावतार यूनिवर्स के दशावतारों से शुरू होगा… अब भारत दहाड़ेगा!” उनकी इस बात से साफ है कि यह सीरीज भारतीय संस्कृति और सनातन आस्था को एक नई पहचान देने जा रही है।
प्रोड्यूसर शिल्पा धवन ने भी इस पर खुशी जताते हुए कहा, “अब तो बस शुरुआत है। हमारी कहानियां जैसे परदे पर जिंदा हो जाएंगी, सोचकर ही जोश आ रहा है! तैयार हो जाइए एक दमदार और ज़बरदस्त सिनेमाई सफर के लिए।”
होम्बले फिल्म्स की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, “हमारा मानना है कि कहानी कहने की ताकत समय और सीमाओं से परे होती है। महावतार के जरिए हम भगवान विष्णु के पावन अवतारों को शानदार एनीमेशन में दिखाने जा रहे हैं। ये कोई आम फिल्म सीरीज नहीं, बल्कि हमारी तरफ से भारत की आध्यात्मिक परंपरा को एक सच्ची श्रद्धांजलि है।”
महावतार सिनेमैटिक यूनिवर्स को सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे कॉमिक्स, वीडियो गेम्स, डिजिटल कहानियों और कलेक्टिबल्स के रूप में भी लॉन्च किया जाएगा। इससे बच्चों, युवाओं और बड़ों को इन प्राचीन कथाओं से जुड़ने का एक नया और रोचक मौका मिलेगा। ग्राफिक नॉवेल, गेम्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए हर जगह महावतार की झलक देखने को मिलेगी।
महावतार नरसिंह का निर्देशन अश्विन कुमार कर रहे हैं और इसे क्लीम प्रोडक्शंस के बैनर तले शिल्पा धवन, कुशल देसाई और चैतन्य देसाई प्रोड्यूस कर रहे हैं। होम्बले फिल्म्स के साथ यह साझेदारी एक भव्य सिनेमाई अनुभव लेकर आ रही है। फिल्म को 3D में और पांच भारतीय भाषाओं में रिलीज़ किया जाएगा। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक प्रयास होगा जो आज की पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत से जोड़ने का कार्य करेगा।