{ads}

हर साल हज़ारों भारतीय डॉक्टर बनने के लिए जाते हैं रुस

 


 
भारत में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलना हमेशा से ही बेहद कठिन रहा है । सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जहां फ़ीस कम है वहाँ पर एडमिशन लेने के लिए आपको नीट की परीक्षा में टॉप 1% में रहना होगा । यह बेहद कठिन माना जाता है । बता दें कि नीट की परीक्षा में प्रतिवर्ष 25 लाख से ज़्यादा विद्यार्थी भाग लेते हैं । विद्यार्थी नीट में टॉप रैंक हासिल करने के लिए कई कई वर्षों तक कोचिंग संस्थानों को भारी फ़ीस भरते है और नीट की तैयारी करते हैं ।
 
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में जहां आम तौर पर एडमिशन आसान है वहाँ छात्रों को प्रतिवर्ष लाखों की फ़ीस चुकानी होती है । प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फ़ीस आम तौर पर 15 लाख रुपए प्रतिवर्ष से शुरू होती है जो एक आम भारतीय अभिभावकों की पहुँच से बाहर है ।
 
ऐसे में हज़ारो भारतीय छात्रों को रुस एक अच्छे विकल्प के तौर पर नज़र आता है जहां की बड़ी से बड़ी यूनिवर्सिटीज़ भारतीय छात्रों को आसानी से एडमिशन दे देती है । भारत सरकार के डाटा के अनुसार इस समय 20 हज़ार से अधिक भारतीय छात्र रुस की मेडिकल यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ाई कर रहे हैं ।
 
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने देश की एक नामी एजुकेशन कन्सल्टेंसी MBBSDIRECT के निदेशक अभिषेक मिश्रा से बात की । उन्होंने बताया - "रुस की अधिकतर मेडिकल यूनिवर्सिटीज़ में हाई टेक एजुकेशन मिलती है, फ़ीस कम होती है और भारत के साथ अच्छे संबंध होने की वजह से इण्डियन स्टूडेंट्स को प्राथमिकता मिलती है । इण्डियन स्टूडेंट्स को किसी भी रूसी मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने से पहले बस यह ध्यान रखना होगा कि उसका एडमिशन इंग्लिश मीडियम कोर्स में हो ।"
 
 मिश्रा ने आगे बताया कि रुस की कुछ यूनिवर्सिटीज़ भारतीय छात्रों के बीच इतनी पॉपुलर हैं जहां पर एडमिशन पाने के लिए छात्र एक साल पहले से ही एप्लीकेशन भेज देते हैं । उन्होंने बताया कि रुस में एमबीबीएस की फ़ीस मात्र 2 लाख प्रतिवर्ष से स्टार्ट हो जाती है । कम खर्च में अच्छी एजुकेशन देने वाली यूनिवर्सिटीज़ में Tambov State University, Far Eastern Federal University, और किर्गिज़ रशियन स्लाविक यूनिवर्सिटी प्रमुख हैं । इसके अलावा हाल ही मैं इण्डियन स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में अन्य कम खर्च वाली यूनिवर्सिटीज़ में भी अप्लाई कर रहे हैं ।
 
Tags

Top Post Ad

Below Post Ad

Copyright Footer